ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में आज बड़े हर्षोल्लास के साथ हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 'निज भाषा उन्नति अहे सब उन्नति को मूल' के भाव को आत्मसात करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कार्यक्रम के संरक्षक माननीय कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा महोदय थे। इस कार्यक्रम की संयोजिका हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जहाँ आरा ज़ैदी रहीं।
कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा ने अपने वक्तव्य में कहा, "आज का दिन हम सभी के लिए गर्व का दिन है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और हमारी पहचान है। यह हमारी अभिव्यक्ति का माध्यम है और हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखती है। हमें गर्व है कि हिंदी ने शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। हमारी मातृभाषा के रूप में, हिंदी को समृद्ध करना और इसका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी भाषा के महत्व को समझे और उसे आगे बढ़ाए।"
समारोह में बोलते हुए मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित ने हिंदी भाषा के महत्व और उसके इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस तरह हिंदी ने भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है।
समारोह में विशिष्ट अतिथियों के रूप में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेश बहादुर सिंह उपस्थित थे, और सम्मानित अतिथि के रूप में श्री कमलाकर त्रिपाठी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
इसके अलावा, हिंदी दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर सम्मानित वक्ता के रूप में प्रोफेसर पवन अग्रवाल ने भी अपने विचार साझा किए। कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सौबान सईद भी समारोह में मौजूद थे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से हुआ और सभी ने मिलकर हिंदी के गौरव को बढ़ाने का संकल्प लिया।