भाषा विश्वविद्यालय में हरियाणा स्थापना दिवस पर क्विज़ एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में आज हरियाणा स्थापना दिवस के अवसर पर रोवर्स–रेंजर्स इकाई द्वारा एक क्विज़ प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माननीय कुलपति प्रो० अजय तनेजा जी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में हरियाणा राज्य की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के प्रति ज्ञानवर्धन एवं जागरूकता बढ़ाना था।
क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन रोवर्स–रेंजर्स के नोडल अधिकारी डॉ. उधम सिंह के मार्गदर्शन में तथा डॉ. मानवेन्द्र सिंह (रोवर प्रभारी) और सुश्री आस्था सिंह (रेंजर प्रभारी) के समन्वय में किया गया। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में उसकी भूमिका तथा सांस्कृतिक धरोहर से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। इस अवसर पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए डॉ. उधम सिंह ने कहा कि “हरियाणा स्थापना दिवस का आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि अपने देश की विविधता को समझने और उसका सम्मान करने का अवसर है। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों में अध्ययन के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम, एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को भी सशक्त करती हैं।”
इसी क्रम में, हरियाणा स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में “हरियाणा राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विशेषताएं” विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कुलपति प्रो० अजय तनेजा जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों को हरियाणा की समृद्ध परंपरा, लोककला, लोकसंगीत और ऐतिहासिक गौरव से परिचित कराना था।
प्रतिभागियों ने अपनी सृजनात्मकता का परिचय देते हुए हरियाणा की सांस्कृतिक विविधता, ग्रामीण जीवन और लोक परंपराओं को पोस्टरों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों की कलाकृतियों ने न केवल हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को उजागर किया, बल्कि एकता, गौरव और सांस्कृतिक संरक्षण का संदेश भी दिया।
इस प्रतियोगिता का सफल संचालन डॉ. नलिनी मिश्रा (समन्वयक – एनएसएस), डॉ. राम दास (सदस्य – सांस्कृतिक समिति), डॉ. सायमा अलीम (कार्यक्रम अधिकारी – एनएसएस) एवं डॉ. प्रिया देवी (भूगोल विभाग) के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. नलिनी मिश्रा ने कहा कि “इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में टीम भावना और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं। हरियाणा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर आधारित यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव रही, जिसने उनमें भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को और गहरा किया।”
कार्यक्रम के समापन पर माननीय कुलपति प्रो० अजय तनेजा ने सभी आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि “विश्वविद्यालय में इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ उनमें देश की विविधता और सांस्कृतिक समरसता के प्रति गर्व की भावना उत्पन्न करते हैं। युवा पीढ़ी जब अपनी सांस्कृतिक विरासत को समझेगी, तभी वह राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सकेगी।”
सभी आयोजकों एवं प्रतिभागियों के संयुक्त प्रयासों से यह कार्यक्रम अत्यंत प्रेरणादायी और सफल रहा।