भाषा विश्वविद्यालय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय सेमिनार और साइंस मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। आज दिनांक 30 दिसंबर, 2025 को ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार तथा अंतर्विषयक शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से डिविजनल लेवल साइंस मॉडल प्रतियोगिता एवं “एडवांसेज़ इन इंटरडिसिप्लिनरी प्रोग्रेस इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर आधारित द्वितीय एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया।
इस अकादमिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा रहे। कार्यक्रम का संरक्षण डॉ. ततहीर फातिमा, अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय द्वारा किया गया।
संगोष्ठी के अपने विशेष आमंत्रित व्याख्यान में डॉ. एरम अलमास ने “तकनीकी युग में मनोविज्ञान की प्रासंगिकता” विषय पर विस्तार से अपने विचार साझा किए। डॉ. अलमास ने कहा कि तकनीकी उन्नति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल उपकरण हमारे सामाजिक और संगठनात्मक जीवन को तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन परिवर्तनों के बीच मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों और व्यवहारिक विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि यह न केवल कर्मचारियों और संगठनों के प्रदर्शन को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में तकनीकी समावेशन और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। डॉ. अलमास ने विद्यार्थियों को सृजनात्मक सोच और तकनीकी कौशल विकसित करने के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
वहीं इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. पुनित ने “एडवांसेज़ इन इंटरडिसिप्लिनरी प्रोग्रेस इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर अपने व्याख्यान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अंतरविषयक अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज के युग में अलग-अलग विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों के विशेषज्ञों का सहयोग और ज्ञान का आदान-प्रदान नई खोजों और नवाचारों के लिए अनिवार्य है। डॉ. पुनित ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस और डेटा एनालिटिक्स का संयुक्त प्रयोग स्वास्थ्य, पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिणाम ला रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों को अंतरविषयक प्रोजेक्ट्स में सक्रिय भागीदारी करने और नवाचार के लिए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित डिविजनल लेवल साइंस मॉडल प्रतियोगिता में विभिन्न जनपदों से आए विद्यार्थियों ने अपने नवाचारी विज्ञान मॉडलों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच, सृजनात्मकता एवं तकनीकी दक्षता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत मॉडलों की सराहना माननीय कुलपति प्रो. अजय तनेजा, कुलसचिव डॉ. महेश कुमार एवं प्रो. विनोदिनी कटियार द्वारा की गई।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ अभय कृष्णा ने बताया कि यह आयोजन विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए ज्ञान, नवाचार और अकादमिक संवाद का एक सशक्त मंच सिद्ध हुआ तथा इस प्रकार के कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अंतर्विषयक अनुसंधान को नई दिशा प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. (डॉ.) डी. बी. सिंह, संयोजक AIPST-2025 एवं डी.सी., साइंस एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ की मुख्य भूमिका रही।कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदिता द्वारा किया गया। साथ ही सह-समन्वयक श्री तसलीम जमाल, डॉ. दिलीप कुमार एवं अजय कुमार यादव के द्वारा भी उल्लेखनीय योगदान रहा ।