“Pedagogy 5.0 - चॉकबोर्ड से चैटबॉट तक” का परिवर्तन शिक्षा को नई दिशा देगा

Update: 2025-09-01 15:07 GMT

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के शिक्षा विभाग, प्रोजेक्ट एंड ईआरजी तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय कार्यशाला “Pedagogy 5.0: Advancing Teaching & Research with AI and Technology” का शुभारंभ सोमवार, 01 सितम्बर 2025 को दीन दयाल उपाध्याय सभागार में हुआ।

माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के कुशल नेतृत्व एवं प्रेरणा से हो रही एक सप्ताह तक चलने वाली इस कार्यशाला में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि AI को एक “सहायक तकनीक (Assistive Technology)” के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

उन्होंने पारंपरिक शिक्षा साधनों से लेकर आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म तक की यात्रा को “चॉकबोर्ड से चैटबॉट तक” की उपमा देते हुए बताया कि यह परिवर्तन शिक्षा को नई दिशा देने वाला है। कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन और कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के. थियागु ने अपने संबोधन में शिक्षण और शोध में विभिन्न AI एप्स के प्रभावी एवं दक्ष उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि डॉ. अंशु यादव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर (DSW), ने कहा कि AI और तकनीक का उपयोग न केवल शिक्षा में प्रासंगिक है, बल्कि यह भविष्य की शैक्षिक संरचना का अभिन्न अंग बन चुका है। डीन अकादमिक्स प्रो. बृश्टि मित्रा ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं को केवल विश्वविद्यालय तक सीमित न रखकर, संबद्ध महाविद्यालयों तक विस्तारित किया जाना चाहिए, ताकि डिजिटल कल्चर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन मिल सके।

समारोह में स्वागत भाषण डॉ. रश्मि गोरे ने, रिपोर्स पर्सन का परिचय आयोजन सचिव डॉ. विमल सिंह ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रत्नार्थु मिश्रा ने किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात प्रथम तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया।

इसमें डॉ. अनुराधा कलानी (डीन, प्रोजेक्ट एंड ईआरजी) ने “Academic Writing” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने शोध पत्र लेखन की तकनीकीताओं, प्रकाशन की प्रक्रिया और शोध में अकादमिक ईमानदारी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी प्राध्यापक और शोधार्थी मौजूद रहे।

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