आरटीई के अंतर्गत पढने वाले बच्चों की निगरानी के लिये टीम गठित करने आदेश जारी

Order issued to form a team to monitor children studying under RTE

Update: 2024-06-17 06:45 GMT

कोरबा, 16 जून (आरएनएस)। जिले में भी निजी स्कूलों में पढ़ रहे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के साथ स्कूल अब किसी भी तरह से भेदभाव नहीं कर पाएंगे। लाइब्रेरी, स्पोट्र्स सुविधा, कंप्यूटर कक्षाओं से लेकर सामान्य बच्चों के साथ कक्षा में नहीं बैठाने जैसी तमाम शिकायतों के चलते राज्य सरकार ने सख्ती दिखाई है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी निगरानी करेगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने जिला स्तरीय टीम गठित करने का आदेश जारी किया। इस 9 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे, वहीं सदस्य के तौर पर पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगम के आयुक्त, अनुसूचित जाति-जनजाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त, मिशन संचालक, जिला समन्वयक, जिला शिक्षा अधिकारी, एक प्राचार्य और एक अभिभावक को शामिल किया जाएगा। कमेटी को 6 बिंदुओं पर काम करना होगा।

विद्यालयों में एकरूपता बनाए रखने के लिए सतत प्रयास करेगी। विद्यार्थियों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। जिलों में संचालित सभी गैर अनुदान प्राप्त निजी स्कूल आरटीई पोर्टल पर पंजीकृत होंगे। विद्यार्थियों को किताबें, यूनिफार्म, लेखन सामग्री निशुल्क उपब्लध कराने का काम भी करेगी।

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