केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. इससे कुछ दिन पहले वह प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए थे. ओली को गुरुवार को इस पद पर फिर से नियुक्त किया गया था, जब विपक्षी पार्टियां नई सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहीं.
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष, 69 वर्षीय ओली को गुरुवार रात फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. सदन में सोमवार को ओली के विश्वास मत हार जाने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को बहुमत के साथ नयी सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के लिहाज से बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक का समय दिया था.
बृहस्पतिवार तक, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी रखने के लिए सदन में पर्याप्त मत मिलने की उम्मीद थी. ओली ने अंतिम समय में बैठक करके बाजी पलट दी थी.
इस बैठक में माधव कुमार नेपाल ने अपना रुख बदल लिया, जिससे देउबा का अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट गया. हालांकि, ओली की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हुई हैं. ओली को अब 30 दिन के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा. यदि इसमें वह फिर विफल होते हैं तो संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के तहत सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अराधना मौर्या