कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर केंद्र की टिप्पणी कहा- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारतीय संस्करण शब्द को 'बी.1.617 स्ट्रेन' से नहीं जोड़ा....
भारत में तेजी से फैल रही है कोविड-19 की महामारी के बीच दूसरी लहर ने भयानक प्रभाव डाला। दूसरी लहर के बीच में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यहां उत्पन्न होने वाले संस्करण को अब आधिकारिक तौर पर 53 क्षेत्रों में दर्ज किया गया है। डब्ल्यूएचओ के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार अनौपचारिक सूत्रों से पुष्टि की गई है कि 'बी.1.617 संस्करण' यानी कोरोनावायरस का एक बदला हुआ स्ट्रेन 7 नए क्षेत्रों में खोजा गया है। जोकि संख्या 60 तक जा सकता है।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1.617 वैरिएंट के आंकड़ों को तीन वंशों में विभाजित किया - B.1.617.1, B.1.617.2 और B.1.617.3। पहला 41 क्षेत्रों में, दूसरा 54 में और तीसरा छह में - भारत, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, रूस और जर्मनी में दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि एएफपी ने बताया कि B.1.617 संस्करण के निशान आधिकारिक तौर पर 53 क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे, जबकि अनौपचारिक रूप से अन्य सात में हैं।
इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने 12 मई को दावा प्रस्तुत किया कि भारत से अत्यधिक संचरणीय डबल म्यूटेंट संस्करण दुनिया भर के 44 देशों में पाया गया था। परंतु आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से उस दिन बाद इन दावों को निराधार और बिना किसी आधार के रूप में खारिज कर दिया गया था और स्पष्ट किया गया था कि डब्ल्यूएचओ ने भारतीय संस्करण शब्द को 'बी.1.617 स्ट्रेन' से नहीं जोड़ा है।
इतना ही नहीं आईटी मंत्रालय ने 21 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पत्र लिखकर इस बात का जिक्र किया कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में इंडियन वेरिएंट शब्द का प्रयोग नहीं किया है। जबकि आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रों में अब तक दर्ज किए गए 23.1 मिलियन मामलों में से 86% से अधिक के लिए भारत जिम्मेदार हैं।
नेहा शाह