म्यांमार में फौज का विरोध करने पर सरकार ने 20 साल तक की सजा

Update: 2021-02-16 01:15 GMT


म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में विरोध प्रदर्शन करते कुछ युवा म्यांमार की फ़ौज ने तख़्तापलट का विरोध करने वालों को चेतावनी दी है कि अगर वो फ़ौज के काम में बाधा डालते हैं तो उन्हें 20 साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है।

इतना ही नहीं तख़्तापलट करने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ नफरत फैलाने और उनका अवमानना करने वालों को लंबी सज़ा होगी और उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। आप को बता दे कि शहर में इन बदलाव की घोषणा सड़कों पर बख़्तरबंद वाहनों के दिखने के बाद की गई है।

उनके ख़िलाफ़ जो मामले दर्ज किए गए हैं उनमें ग़ैर-क़ानूनी तरीके से संचार के उपकरण रखने के आरोप हैं। यह वॉक-टॉकी उनके सुरक्षाकर्मियों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। पिछले नवंबर में उनकी पार्टी को चुनाव में शानदार जीत हासिल हुई थी लेकिन फ़ौज ने बिना किसी प्रमाण के चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे।

सोमवार को फ़ौज की वेबसाइट पर डाले गए एक बयान में कहा गया है कि सुरक्ष बलों को उनके ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह की बाधा पहुँचाने के लिए सात साल की सज़ा हो सकती है।

अदिती गुप्ता

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