यूक्रेन के रक्षा मंत्री अलेक्सी रेजनिकोव ने गुरुवार, 2 फरवरी को दावा किया कि रूस ने 3,00,000 सैनिकों इकठ्ठा किया है और वह 24 फरवरी को नए सिरे से हमले की तैयारी शुरु कर रहा है। रेजनिकोव ने बीएफएम टीवी को बताया कि "हमारा अनुभव कहता है कि 24 फरवरी को रूस कुछ बड़ा कर सकता है।"। यह हमले पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में हो सकते हैं।
रक्षा मंत्री अतिरिक्त एमजी-200 हवाई रक्षा राडार खरीदने के लिए एक सौदा करने के लिए फ्रांस में थे, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि पंखों वाली और बैलिस्टिक मिसाइलों और विभिन्न प्रकार के ड्रोन सहित हवाई लक्ष्यों का पता लगाने के लिए सशस्त्र बलों की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। रेज़्निकोव की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों का आरोप है कि राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को वसंत ऋतु के अंत से पहले डोनबास पर कब्जा करने का आदेश दिया है।फिलहाल डोनबास में रूसी सैनिकों और यूक्रेनी सेना के बीच जबरदस्त लड़ाई चल रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि आने वाले दिनों में लड़ाई और गंभीर हो सकती है।
रेजनिकोव के दावों का अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी ऑफ वॉर ने भी समर्थन किया है। इंस्टीट्यूट का कहना है कि पश्चिमी यूक्रेन में रूस तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश करेगा। इसके लिए वो बड़े हमले करने की तैयारी कर रहा है।ओलेक्सी रेजनिकोव ने यह भी बताया कि बुधवार को रूसी हमले में क्रामटोरस्क में 3 लोगों की मौत हो गई। जबकि डोनटेस्क इलाके में एक रिहायशी इमारत पर दागी गई मिसाइल में 8 लोग घायल हुए हैं। बचाव कार्य अभी चल रहा है जिसके चलते घायलों की संख्या बढ़ने की संभावना है।यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने नाटो देशों से और अधिक सैन्य मदद की मांग करते हुए रुस के खिलाफ लड़ने के लिए लेटेस्ट तकनीक से लैस हथियारों की मांग की है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि "रूसी सेना दो दिशाओं में आक्रामक प्रयास कर सकती है। यह डोनबास हो सकता है, या फिर दक्षिण का कोई इलाका।"
बता दें कि जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा टैंक भेजने पर सहमत होने के बाद यूक्रेन ने हाल ही में हवाई हमलों से खुद को बचाने में मदद के लिए लड़ाकू विमानों की मांग फिर से शुरू की है। कीव के अधिकारियों ने पश्चिमी देशों से बार-बार अपील की है कि उसे लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि रूस की हवाई क्षेत्र में सर्वोच्चता को चुनौती देने तथा भविष्य के हमलों का जवाब देने के लिए यह जरूरी है।