भारत ही नहीं दुनिया के ज्यादातर देशों में एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर दिखाई दे रही है। हर देश की कोशिश यही है कि किसी तरह कोरोना के ग्राफ को बढ़ने से रोका जाए। कोरोना के डर के बीच संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस जल्द ही मौसमी बीमारी का रूप ले सकता है।
चीन में सबसे पहले कोरोना का केस मिलने के एक साल बाद भी इस बीमारी के रहस्य को वैज्ञानिक सुलझा नहीं सके हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनियाभर में अनेकों लोगों की मौत हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र के 'विश्व मौसम संगठन' द्वारा गठित 16-सदस्यीय टीम ने बताया कि सांस संबंधी संक्रमण अक्सर मौसमी होते हैं। मौसम और तापमान के मुताबिक कोरोना भी अपना असर दिखाएगा। अभी तक कोरोना पर काबू पाने के लिए जितने भी प्रयत्न किए गए गए हैं उस पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ऐसे ही सारे प्रयास विफल होते रहे तो करोना एक मजबूत मौसमी बीमारी बन जाएगी और यह हर साल तंग करेगा। बता दें कि जनवरी के शुरुआत में महामारी अपने चरम पर थी और करीब 50 लाख मामले प्रति सप्ताह आ रहे थे लेकिन फरवरी के मध्य में इसमें गिरावट आई और यह 25 लाख के करीब पहुंच गई।
अराधना मौर्या