चाचा भतीजे में खींचातानी होने पर चिराग पासवान ने दिल्ली में बुलाई कार्यकारिणी की बैठक। जानिए पूरा मामला।
राजनीतिक विशेषज्ञ द्वारा बताया जा रहा है कि चिराग पासवान अपने चाचा के खिलाफ चुनाव आयुक्त जा सकते है। वहीं, इस समय चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस न सिर्फ पार्टी का असली नेता होने का दावा कर रहे हैं बल्कि दोनों नेता पार्टी के झंडा बैनर पर अपना-अपना वर्चस्व जमा रहे हैं।
गौरतलब है कि चिराग पासवान ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर अपना पक्ष भी रखा था। परंतु ओम बिरला स्वयं पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता प्रदान कर चुका है।
गौरतलब है कि लोजपा में 2 वर्षों से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची को अपडेट नहीं किया गया था। तभी से यह मामला थोड़ा उलझा हुआ लगता है।
बता दें कि दरअसल चिराग पासवान गुट की ओर से चुनाव आयोग के पास अपना पक्ष रखा गया। वहां चिराग गुट ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने को असंवैधानिक बताया। इस दौरान चिराग गुट ने 77 सदस्यों के नाम आयोग को सौंप भी दिए। हालांकि पारस गुट ने चुनाव आयोग को कार्यसमिति की सूची अब तक नहीं सौंपी है।
इस बीच खुद के अध्यक्ष चुने जाने के बाद पशुपति कुमार पारस शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वे जल्द ही अपनी कार्यसमिति की सूची आयोग को सौंपेगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष का नियुक्ति पत्र और पार्टी संविधान की प्रति आयोग को सौंपी है।इस बाबत चिराग ने आयोग से आग्रह किया कि एलजेपी संवैधानिक रुप से उनकी पार्टी है। अब दोनों गुटों की नजरें चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी हैं कि आखिर आयोग क्या फैसला लेता है।
नेहा शाह