नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव की अपनी सफल यात्रा से स्वदेश वापसी के बाद आज शनिवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में 4900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री तूतीकोरिन हवाई अड्डे पर लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, जिसे दक्षिणी क्षेत्र की बढ़ती विमानन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी नए टर्मिनल भवन का भी अवलोकन करेंगे।
सड़क अवसंरचना क्षेत्र में, प्रधानमंत्री दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पहली परियोजना एनएच-36 के 50 किलोमीटर लंबे सेठियाथोप-चोलापुरम खंड को 4 लेन में विकसित करने की है, जिसे विक्रवंडी-तंजावुर कॉरिडोर के अंतर्गत 2,350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है।
दूसरी परियोजना एनएच-138 तूतीकोरिन बंदरगाह मार्ग को 6 लेन का बनाना है, जिसकी लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है। बंदरगाह के बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ऊर्जा पहलों को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से 6.96 एमएमटीपीए कार्गो हैंडलिंग क्षमता वाले नॉर्थ कार्गो बर्थ-III का उद्घाटन भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी दक्षिणी तमिलनाडु में तीन प्रमुख रेलवे अवसंरचना परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे, ताकि स्थायी और कुशल संपर्क को बढ़ावा दिया जा सके। 90 किलोमीटर लंबी मदुरै-बोदिनायक्कनूर लाइन के विद्युतीकरण से पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और मदुरै तथा थेनी में पर्यटन एवं आवागमन को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 3 और 4 से बिजली की निकासी हेतु अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली की आधारशिला रखेंगे।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरुवथिरई महोत्सव के साथ महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के उत्सव में भाग लेंगे। यह विशेष उत्सव राजेंद्र चोल प्रथम के दक्षिण पूर्व एशिया के पौराणिक समुद्री अभियान के 1000 वर्ष पूरे होने तथा चोल वास्तुकला के एक शानदार उदाहरण, प्रतिष्ठित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण की शुरुआत का स्मरण कराता है।