महिमा गुप्ता
रिजर्व बैंक के एक इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने शॉर्ट टर्म क्रॉप लोन पर ब्याज सब्सिडी का भुगतान बैंकों को करने के बजाय सीधे किसानों के खाते में करने को कहा है। इस सिफारिश से कृषि ऋण वितरण की व्यवस्था अधिक पारदर्शी हो सकेगी। रिजर्व बैंक के इस ग्रुप का कहना है कि इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम की जगह धनराशि लक्षित लाभार्थियों को व्यक्तिगत या स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से डीबीटी के जरिये ट्रांसफर करनी चाहिए।
लाभार्थियों में सीमांत और छोटे किसानों, बटाईदार, पट्टेदार और भूमिहीन श्रमिक शामिल हैं। ग्रुप ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट रिजर्व बैंक को सौंपी है। फिलहाल सरकार शॉर्ट टर्म क्रॉप लोन पर ब्याज दर में छूट के तौर पर बैंकों को आरबीआइ और नाबार्ड के माध्यम से ब्याज सब्सिडी का भुगतान करती है। इसके लिए सरकार हर साल अपने बजट में बाकायदा प्रावधान करती है।