राशनकार्ड निरस्तीकरण : गलत आदेश जारी करने की जवाबदेही तय हो : माले

Update: 2022-05-23 10:36 GMT



लखनऊ, 23 मई। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि राशन कार्ड निरस्तीकरण के नियमविरुद्ध नए मानक बनाने व जनता में जारी करने की जवाबदेही तय की जाए और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि सरकार की ओर से खाद्य आयुक्त द्वारा रविवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि लगता है कि नीचे डीएम स्तर पर कुछ 'कन्फ्यूजन' हो गया। आयुक्त के अनुसार 2014 के शासनादेश में कोई बदलाव नहीं हुआ है और अपात्रों पर जुर्माना लगाने का तो सवाल ही नहीं उठता।

माले नेता ने कहा कि पहले तो अपात्र श्रेणी को लेकर मनमानापूर्ण आदेश जारी किये गए, राशनकार्ड धारकों को ही गुनहगार करार देकर जुर्माना लगाने की धमकी दी गई और हड़कंप मचाकर हजारों राशनकार्ड सरेंडर करवाये गए। उसके बाद आया यह मासूम-सा स्पष्टीकरण अस्वीकार्य है। इसकी हर स्तर पर जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।

राज्य सचिव ने कहा कि इस कवायद के पीछे भाजपा और उसकी सरकार का जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) को कमजोर व तबाह करने की साजिश है। निजीकरण की आंधी चलाई जा रही है, ऐसे में वह गरीबों को राशन वितरण के दायित्व से छुटकारा चाहती है और सब कुछ बाजार (अडानी-अंबानी) के हवाले करना चाहती है। पहले निरस्तीकरण, फिर स्पष्टीकरण से वह जन प्रतिक्रिया का अंदाजा लगा रही थी। छीछालेदर होने पर सरकार ने 'राशनकार्डों की रूटीन जांच' बताकर फिलहाल अपने कदम वापस खींच लिये हैं।

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