पुलिस पर पीड़ित परिवार के मुखिया के आरोप गंभीर, बागपत घटना की न्यायिक जांच हो : माले
लखनऊ, 27 मई। भाकपा (माले) ने कहा है कि बागपत में छपरौली थानाक्षेत्र के बछोड़ गांव में पुलिस की रेड के बाद मां और दो बेटियों की कथित आत्महत्या मामले में पीड़ित परिवार के मुखिया द्वारा पुलिस पर लगाये गए गंभीर आरोपों को देखते हुए पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि बागपत की घटना गंभीर है। तीन-तीन मौतें हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परिवार के मुखिया मेहक सिंह व उनके छोटे भाई ने गत 24 मई की शाम दबिश डालने वाली पुलिस टीम पर घर के पुरूष सदस्य की अनुपस्थिति में महिलाओं की पिटाई करने और उस वक्त किसी महिला पुलिसकर्मी के टीम में न होने की बात कही है। इसके अलावा, रेड डालने की घटना से पहले पीड़ित परिवार के एक सदस्य को पुलिस द्वारा तीन दिन तक अवैध हिरासत में रखने और उसकी बर्बर पिटाई कर उसे खुद से चलने लायक न छोड़ने की बात भी कही है।
कामरेड सुधाकर ने कहा कि पुलिस पर लगे ये आरोप अति गंभीर हैं। हालांकि पुलिस के अधिकारी इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं, लिहाजा क्राइम ब्रांच की जांच पर्याप्त नहीं है। सच्चाई को सामने लाने, परिवार के साथ न्याय करने और दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने के लिए समयबद्ध न्यायिक जांच जरुरी है।
माले नेता ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी किसी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज है। जांच के नाम पर दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने मानवाधिकार आयोग से भी घटना में हस्तक्षेप करने की अपील की।