टाॅप देश का पहला मल्टी–मॉडल टर्मिनल बनकर तैयार स्लग शनल वॉटरवे-1 चार राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरेगा वॉटरवे-1 पर चार मल्टी मॉडल टर्मिनल- वाराणसी, साहिबगंज, गाजीपुर और हल्दिया बनाए गए जल मार्ग पर 1500 से 2000 मीट्रिक टन क्षमता वाले जहाज़ चलेंगे ----------------- वीओ---देश और उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार विकास की गति को जोर देने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है, उत्तर प्रेदश में 7 वर्ष पहले प्रधानमंत्री ने वाराणसी में जिस मल्टी मॉडल टर्मिनल की शुरुवात की थी आज वह तैयार होकर काम करने लगा है, यह मल्टी मॉडल टर्मिनल नदियों पर बना पहला ऐसा टर्मिनल है, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम होगा।
वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग शुरू होने के बाद कोलकाता बंदरगाह के जरिये यह उत्तर भारत को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और अन्य दक्षिण एशियाई को जोड़ रहा है। GFX INN देश में कार्गो परिवहन होगा सुगम -हेडर शनल वॉटरवे-1 चार राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरेगा इससे कोलकता, पटना, हावड़ा, इलाहाबाद, वाराणसी जैसे शहर जलमार्ग से जुड़ेंगे वॉटरवे-1 पर चार मल्टी मॉडल टर्मिनल- वाराणसी, साहिबगंज, गाजीपुर और हल्दिया बनाए गए जल मार्ग पर 1500 से 2000 मीट्रिक टन क्षमता वाले जहाज़ चलेंगे कैपिटल ड्रेजिंग के जरिए 45 मीटर चौड़ा गंगा चैनल तैयार किया गया वॉटरवे शुरू होने से देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होगी अर्थिक क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे।
GFX OUT बाइट - संजीव कुमार, निदेशक, राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण---(बाइट 2 बजे के रनआडर से 11 नम्बर से लेनी है ) वीओ---वाराणसी टर्मिनल के माध्यम से सामान भेजने में खर्च में कमी आएगी। जलमार्ग से सामान भेजने पर प्रति टन प्रति कि.मी .30 से 50 पैसे खर्च आता है। वहीं रेल से यह एक रुपये और सड़क मार्ग से डेढ़ रुपये तक का खर्च आता है। इस टर्मिनल के जरिए 1500 से 2000 टन के बड़े जहाजों की भी आवाजाही मुमकिन हो सकेगी। यह टर्मिनल से देश में आर्थिक विकास को गति दोगुनी रफ़्तार देगा |