यूपी समेत कई राज्यो में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी बीजेपी भी अलर्ट मोड पर पीएम मोदी ने तीनो कृषि कानून को वापस लेकर जहां किसानों को साधने के प्रयास किया है वहीं अधिकारियों की लापरवाही सरकार की सोच पर ही भारी पड़ती दिख रही। राजधानी में ही किसानों को धान को बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है।
आलम यह है बंथरा धान क्रय केंद्र में धान रखने की ही जगह नही है लिहाजा यहां के किसानों को अपने धान की बिक्री के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है । बंथरा धान केंद्र के सचिव ने खुद बताया की यहां पर धान रखने की व्यवस्था ही नहीं है ऐसी स्थिति वह धान क्रय कैसे कर सकते है।
सचिव का कहना है कि अभी तक किसी भी मिल में अभी तक अनुबंध नहीं हो पाया है जिसके चलते स्टाक में पहले ही से खरीदा हुआ धान लगा हुआ है अगर अब खरीद की जाती है तो धान रखा कहा जायेगा उनके सामने यह मजबूरी है । सचिव ने कहा कि हमारे पास जगह नहीं है इस वजह से वे धान खरीदने से हाथ खड़े कर रहे हैं ।
यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार के दावों के उलट यहां पर किसानों का शोषण किया जा रहा है, धान खरीदारी की जगह उन्हें गुमराह कर वापिस ही भेजा जा रहा है ।
किसानों का यह भी आरोप है बंथरा केंद्र में खाद की भी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे किसान दर-दर भटकने को विवश हो रहा है ।