आम आदमी कि रेल यात्रा होगी महंगी : प्राइवेट ट्रेनों का किराया भी वे खुद तय करेंगे।
इंडियन रेलवे का मॉडर्नाइजेशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार 2023 तक जापान से सस्ती दरों पर मिलने वाले लोन की मदद से बुलेट ट्रेन चलाने की योजना में है।
कोरोना काल में सरकार के पास फंड का इतना अभाव हो गया है कि वह रेलवे के लिए निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सरकार रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए निजी निवेशकों को आकर्षित करने पर काम कर रही है। इंडियन रेलवे का मॉडर्नाइजेशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार 2023 तक जापान से सस्ती दरों पर मिलने वाले लोन की मदद से बुलेट ट्रेन चलाने की योजना में है।
प्राइवेट ट्रेनों को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि उन्हें अपने रूट पर किराया फिक्स करने की इजाजत और आजादी होगी। हालांकि अलग-अलग रूट पर एसी बस और प्लेन की सुविधा भी मौजूद होती है। ऐसे में किराया तय करने से पहले इन बातों का खयाल रखना जरूरी है।
ट्रेन किराया की बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में रेलवे का किराया एक राजनीतिक मुद्दा रहा है। गरीब लोगों के लिए रेलवे परिवहन का सबसे बड़ा साधन है। ऐसे में अगर निजी कंपनियां खुद किराया तय करेंगी तो उसका क्या प्रभाव होगा, यह देखने वाली बात होगी।
रेलवे के निजीकरण की बात करें तो जुलाई के महीने में 109 ओरिजिन डेस्टिनेशन के लिए 151 निजी ट्रेनों के लिए रेलवे ने निजी कंपनियों से आवेदन मांगा था। इस रेस में जीएमआर इन्फ्रा और अडाणी एंटरप्राइजेज जैसी कंपनियां शामिल हैं।