डीएम हो या कोई और अधिकारी या नेता इनके साथ चलने वाले लोग वास्तव में अंधे होते है
सोशल मीडिया के आने के कारण जिसको सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है वो है भारत के प्रशासनिक अधिकारी और नेता | इन लोगो की करतूत तुरंत जनता के सामने आ जा रही है | पर दुर्भाग्य है कि उनपे कार्रवाई करने वाले भी वही अधिकारी और नेता है जिनमे अंग्रेजो की आत्मा अभी भी हावी है |
आजादी हासिल करने का एकमात्र लक्ष्य जनता को इज्जत से पुरे देश में कही भी आने जाने और रहने का अधिकार मिले, और ये स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पूरा हुआ | पर जिस पीढ़ी ने लड़ाई लड़ी वो अब नहीं है |
उनकी जगह अंग्रेजी सिस्टम में पढ़े लोगो ने ले लिया | आज अधिकारी होना मतलब आपको लाइन लगाने से छुट्टी हो गयी | अब वो लाइन चाहे स्वास्थ्य सेवा की हो या फिर समाज के बीच किसी भी तरह का कोई भी सिस्टम हो | इनके नीचे काम करने वाले अधिकारी इनकी चाकरी में इतना अंधे हो जाते है कि उन्हें भी सही और गलत का पता नहीं चलता |
अब कार पर बड़ा सा कलेक्टर का बोर्ड लगाए सूरजपुर (छत्तीसगढ़) कलेक्टर रणबीर शर्मा जी को ही देख लीजिये उन्होंने कितनी बदतमीजी से उस युवक से व्यवहार किया | पर हम कलेक्टर की तो बात कर रहे है पर उसके मातहत जो सिपाही दौड़ कर उस युवक को पीटने लगा क्या वो अपराधी नहीं है |
क्या कलेक्टर कहता की किसी नेता की पिटाई कर दो तो वो पुलिस वाला करता , कभी नहीं , क्योंकि उसको पता है कि अगला उसे कहीं न कही पकड़ लेगा और वो उससे सामर्थ्यवान है और उसका कुछ बुरा हो सकता है |
अगर उस पुलिस वाले ने मारने से मना कर डीएम को बताया होता की ये सही नहीं है तो शायद डीएम को भी होश आता | पर दुर्भाग्य डीएम हो या कोई और अधिकारी या नेता इनके साथ चलने वाले लोग वास्तव में अंधे होते है | अगर इनकी आँखे खुली हो तो देश में महाभारत जैसा युद्ध न हो | आज ये लोग डीएम के साथ अंधे होकर चलते है और सामान्य परिवारों से होने के बावजूद ये उन्ही सामान्य परिवार के लोगो का शोषण करते है |
अब अंग्रेज क्या करते थे वो भी तो हिन्दुस्तानियों से ही हिन्दुस्तानियों को मरवाते थे | उस समय अगर उन हिन्दुस्तानियों ने विरोध किया होता तो अंग्रेजी राज्य कब का खत्म हो गया होता इसी तरह आज के अंग्रेजो का राज्य ख़त्म तभी होगा जब ये आम हिन्दुस्तानी उनकी बात न माने |
आज तुमने किसी के बेटे को पीटा है कल कोई और तुम्हारे बेटे या भाई को पिटेगा | वक़्त है सम्भल जाओ और इन अंग्रेजी मानसिकता वाले डीएम , नेताओ की सुनना बंद कर दो |
अब