बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता सहित 6 विद्युत कर्मचारियों पर गंभीर धाराओं में निगोहां थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़ित पक्ष का आरोप था कि, पिछले वर्ष जनवरी माह में धोबइया गांव के सुखराम को नौकरी दिलाए जाने के नाम पर करनपुर गांव में हाईटेंशन लाइन पर जबरन चढ़ा दिया गया था,जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया था। जिस पर विद्युत कर्मियों ने कहीं न बताने की बात कही और विभाग में नौकरी दिलाए जाने के नाम पर 185000 रूपये भी ले लियें।
पीड़ित नीतू ने प्रार्थना पत्र में बताया कि, 19 जनवरी 2021 समेसी पाॅवर हाउस में तैनात विद्युतकर्मी सत्यनारायण,प्रदीप और दीपक सिंह उनके घर आए और पीड़िता के पति सुखराम को करनपुर गांव के पास हाईटेंशन लाइन खराबी आने की बात कही। जिसे सही करानें के लिए सुखराम को साथ ले गये। सुखराम ने एक बार मना किया फिर इन कर्मचारियो ने जेई सचिन श्रीवास्तव व एसडीओ विशाल त्रिपाठी से नौकरी दिलाने के लिए सिफारिश कर देने की बात कही। आरोप है कि, जब सुखराम नही माना तो घर आए हुए कर्मचारियों ने बिजली का सामान चोरी करने के झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी दी। फिर, मजबूरन उसे जाना पड़ा। फिर, सुखराम करनपुर गांव पहुंचा, जहां हाईटेंशन लाइन खराब हुई थी और पूछा कि बिजली सप्लाई बंद है या नही। जिस पर प्रदीप,सत्यनारायण,दीपक व धीरज ने बताया बिजली सप्लाई बंद है। फिर, सुखराम खंभे पर चढ़कर बिजली ठीक करने लगा और करंट की चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस कर नीचे गिर गया। आरोप यह भी है कि सुखराम के नीचे गिरने पर मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने उससे अभ्रदता भी की और वहां से भाग निकले। उधर, ग्रामीणों की मदद से सुखराम को अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं,शिकायत न करने पर नौकरी दिलाने का वादा किया और तत्कालीन अधिशासी अभियंता के सामने 185000 रुपये भी लिये गये, फिर भी नौकरी नही मिली और न ही विभाग द्वारा इलाज ही करवाया गया। पीडिता ने इस मामलें में निगोहां थाने पर भी शिकायत की थी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई । फिर पीड़ित ने मानवधिकार आयोग का सहारा लिया। जिसके बाद मंगलवार को आयोग के निर्देश पर अधिशासी अभियंता सहित 6 विद्युत कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ।