भाषा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस–2025 मनाया गया

Update: 2025-09-18 14:58 GMT


ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस–2025 को माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा एक प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। आयोजन का उद्देश्य मानव जीवन, पर्यावरण और औद्योगिक प्रक्रियाओं में सूक्ष्मजीवों के महत्त्वपूर्ण किंतु प्रायः अनदेखे योगदानों को रेखांकित करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के अतिथियों, संकाय सदस्यों और विशेष आमंत्रित मेहमानों ने भाग लिया। स्वागत भाषण में डॉ. वंदिता ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का हार्दिक अभिनंदन किया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. दीपक चंद शर्मा, प्रख्यात माइक्रोबायोलॉजिस्ट, तथा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा का पौधा भेंट कर सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। अपने व्याख्यान में डॉ. शर्मा ने सूक्ष्मजीवों की विविधता, प्रोबायोटिक्स, एंजाइम बायोटेक्नोलॉजी और बायोरिमेडिएशन जैसे विषयों पर शोध आधारित विचार साझा किए। उनका संबोधन विद्यार्थियों और उपस्थित जनों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।

कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में सूक्ष्मजीव विज्ञान की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए विज्ञान में नवाचार, शोध और नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

आयोजन के दौरान क्विज़ प्रतियोगिता एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विजेताओं को उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर आयोजन समिति ने डॉ. शर्मा और कुलपति प्रो. तनेजा को स्मृति चिह्न भेंट कर आभार व्यक्त किया। डॉ. शलिनी सिंह ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. तत्हीर फात्मा के मार्गदर्शन में हुआ। समापन अवसर पर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग के प्रेरक शब्द—

“कभी भी कोई असाधारण घटना या दृश्य को नज़रअंदाज़ मत करो, यह शायद—कौन जानता है?—एक नई खोज की शुरुआत हो सकता है।” —उद्धृत किए गए। इसके बाद राष्ट्रीय गीत का सामूहिक गायन और सामूहिक फोटो सत्र हुआ।

यह आयोजन सभी प्रतिभागियों के लिए एक ज्ञानवर्धक और यादगार अनुभव बन गया।

Similar News