शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करेगा, “नो डिटेंशन पॉलिसी” में संशोधन करेगा
Education Ministry to implement National Education Policy (NEP) 2020, amend “No Detention Policy”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में शिक्षा प्रणाली के व्यापक संशोधन और पुनरुद्धार की परिकल्पना की गई है जिसमें शासन और विनियमन भी शामिल हैं। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग छात्रों को बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्त करने में सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे एक समावेशी और प्रभावी शिक्षा प्रणाली सुनिश्चित हो सके।
इस प्रतिबद्धता के अनुरूप केंद्र सरकार ने भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना (जीएसआर 777 (ई)) दिनांक 21 दिसंबर 2024 के माध्यम से आरटीई (संशोधन) अधिनियम 2019 द्वारा संशोधित बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के तहत नियमों में संशोधन किया है। बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 शीर्षक वाले संशोधित नियम, इक्विटी और समावेशन सुनिश्चित करते हुए छात्र को सीखने का बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तुत करते हैं।
यह संशोधन एक संशोधित "निरोध नीति" की शुरूआत है, जो केंद्र सरकार या बिना विधायिका वाले संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक द्वारा स्थापित, स्वामित्व या नियंत्रण वाले स्कूल के कक्षा 5 और 8 के छात्रों पर लागू होगी।
इसके अंतर्गत यदि कोई छात्र वार्षिक परीक्षा के बाद पदोन्नति के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे अतिरिक्त सहायता दी जाएगी और परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यदि छात्र पुनः परीक्षा के बाद भी पदोन्नति के मानदंडों को पूरा नहीं करता है तो उसे उसी कक्षा में रखा जाएगा। इस अवधि के दौरान उस कक्षा का शिक्षक उस छात्र और उसके अभिभावकों के साथ विशेष रूप से जुड़ेगा, विशेष मार्गदर्शन प्रदान करेगा और सीखने के दौरान छात्र में आने वाली कमियों पर विशेष ध्यान देते हुए उसे दूर करेगा।
हालांकि 2019 में आरटीई अधिनियम में संशोधन किया गया था, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफएसई) को अंतिम रूप देने का इंतजार करने का निर्णय लिया गया था, जिसे 23.08.2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था। हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बाद, नियमों को अधिसूचित किया गया है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के अनुसार, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने आरटीई (संशोधन) अधिनियम 2019 के प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना जारी की है जिसमें असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, एनसीटी दिल्ली और दादर और नगर हवेली और दमन और दीव शामिल हैं। हरियाणा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को अभी इस मामले में निर्णय लेना है।
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप, चंडीगढ़, लद्दाख और लक्षद्वीप राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कक्षा 1 से 8 तक नो-फेल पॉलिसी का पालन जारी है।
संशोधन में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जिससे प्रत्येक बच्चे के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित किया जा सके।