वारिस पठान का ये बयान किसी भी सूरत में माफ़ी योग्य नहीं है | अगर भारत सरकार इसको संज्ञान में नहीं ले रही है तो देश के तोड़ने में ऐसे लोग और तन्मयता से लग जायेंगे | देश के तोड़ने का सपना देखने वाले लोगो के खिलाफ ऐसी कड़ी कारवाई होनी चाहिए की उनकी सात पुश्त भी आने वाले समय में भारत को सपने में भी तोड़ने के बात न सोंचे \
आज भारतीय लोकतंत्र और सत्ता इतनी कमजोर क्यों लग रही है की दिल्ली में लगातार लोगो को क़त्ल करने की योजना और घरो को जलाने की योजना बनती रही और हमारा खुफिया तंत्र इसे पकड़ नहीं पाया |
अगर इस्लाम का मतलब पाकिस्तान है और वो लोग जो भारत को संख्या के आधार पर तोड़ने की बात कर रहे है वो सरकार के खिलाफ नहीं सौ करोण हिन्दुओ के खिलाफ बोल रहे है | अगर आपको सरकार से नाराजगी है तो उसके खिलाफ बोलिए पर सीधे -सीधे हिन्दू जनसख्या का उल्लेख ये बताता ही की वो अपने आप को इस देश का मानते नहीं है |
अगर इस तरह की बाते किसी और देश में करते तो काला पानी भी नसीब नहीं होता पर वाह रे अपनी सरकार और तंत्र जो इस जैसे लोग यहाँ ये बाते कह कर अभी भी मुस्करा रहे है | ये हमारे साथ विश्वासघात से कम नहीं | १५ करोण बनाम १०० करोण की बोली हिन्दू और मुशलमान को लड़ने की बोली है और ऐसे नेताओ को खुले में घुमने का हक़ नहीं है |
अगर इन जैसे लोगो पर कड़ी कारवाई नही की गयी तो देश में हिंसा जो रुक गयी है वो बड़ी हिंसा की ओर बढ़ जाएगा |