प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 3,884 करोड़ से अधिक की लागत वाली 44 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी के मेहदीगंज में 3 हजार 884 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 44 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सड़क अवसंरचना, बिजली, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में विकास शामिल है। जिनका उद्देश्य क्षेत्र की समग्र प्रगति को बढ़ावा देना है।
बाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब काशी केवल प्राचीनता का प्रतीक नहीं रही, बल्कि विकास का मॉडल बन गई है। उन्होंने शहर के तेज़ विकास की सराहना करते हुए बताया कि कैसे संरचना में सुधार, धार्मिक पर्यटन और नागरिक सुविधाओं में उन्नयन ने इस प्राचीन नगरी को आधुनिक शहरी केंद्र में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि काशी पूर्वांचल की स्वास्थ्य राजधानी बन कर उभरी है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आम आदमी के लिए वरदान से कम नहीं हैं। इस योजना से लोगों को इलाज के साथ भरोसा भी मिलता है। उत्तरप्रदेश के लाखों लोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे केवल पारिवारिक हितों को बढ़ावा देते हैं, राष्ट्रीय विकास को नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले महीनों में सभी विकास कार्य पूरे हो जाने पर वाराणसी तक आना-जाना काफी सरल हो जायेगा और यहां सर्वांगीण विकास होगा। श्री मोदी ने कहा कि सरकार काशी के लोगों को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयार कर रही है। भारत 2036 के ओलिम्पिक खेलों के आयोजन के लिए पूरे प्रयास कर रहा है। लेकिन ओलिम्पिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करने के लिए काशी के युवाओं को अभी से ट्रेनिंग शुरू करनी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेड इन इंडिया की गूंज सुनाई देती है। भारतीय उत्पाद वैश्विक ब्रांड बनते जा रहे हैं। कई चीजों को जीआई टैक मिल गया है। समुचे देश में उत्तरप्रदेश जीआई टैगिंग के मामले में सबसे आगे है। हमारी कला को और हमारी प्रतिभा को तेजी से अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल रही है।
इस अवसर पर उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 70 वर्ष से अधिक आयु के तीन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड सौंपे, तीन जीआई टैग और प्रमाणपत्र प्रदान किए तथा बनास डेयरी (अमूल) से जुड़े राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस भी ट्रांसफर किया।