नेपाली राजदूत बोले-चीन नहीं भारत ने नेपाल की जमीन पर किया कब्जा, तिब्बतियों पर भी उगला जहर
चीन की गोद में बैठ चुकी नेपाल की ओली सरकार अब पूरी तरह से ड्रैगन के सुर में सुर मिलाने लगी है। नेपाल की जमीन पर कब्जा करने वाले चीन में नेपाल के राजदूत महेंद्र बहादुर पांडे ने आरोप लगाया है कि भारतीय मीडिया पेइचिंग और काठमांडू को लेकर फर्जी खबरें दे रहा है।
उन्होंने दावा किया कि चीन ने नहीं बल्कि भारत ने नेपाल की जमीन पर कब्जा किया है। नेपाली राजदूत पांडेय देश के विदेश मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने पीएम मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर उनसे सबसे पहले मुलाकात की थी।
'चीन और नेपाल के बीच सहयोग स्वाभाविक और मित्रतापूर्ण'
महेंद्र पांडे ने कहा कि भारतीय मीडिया पक्षपाती हो सकता है या उसे किसी ने भ्रमित किया है। इसी वजह से वे फेक न्यूज देते हैं या दुष्प्रचार करते हैं। लेकिन यह वास्तविकता नहीं है। चीन और नेपाल के बीच सहयोग स्वाभाविक और मित्रतापूर्ण है।
नेपाली राजदूत ने भारत के साथ सीमा विवाद पर कहा कि भारत के साथ हमारा लंबे समय से सीमा विवाद है। हमारा पहले चीन के साथ सीमा विवाद था लेकिन उसे कई साल पहले ही सुलझा लिया गया है। हमारा अब चीन के साथ कोई सीमा विवाद नहीं है।
चीन में नेपाली राजदूत ने कहा, 'भारत ने हमारी जमीन पर कब्जा किया है। वर्ष 1962 में चीन और भारत के बीच युद्ध के दौरान भारतीय सेना के कुछ जवान तात्कालिक रूप से कालापानी में रुक गए थे लेकिन बाद में वे अब दावा करते हैं कि यह जमीन हमारी है।
यह हमारी समस्या है। हमने पहले भारत से इस विवाद को सुलझाने के लिए कई बार अनुरोध किया लेकिन वे तैयार नहीं हुए। लेकिन अब भारतीय पक्ष बातचीत के लिए ज्यादा आतुर हो गया है और मुलाकात करना चाह रहा है।
तिब्बतियों पर भी जहर उगला, कहा- तिब्बत चीन का हिस्सा
नेपाली राजदूत ने भारत ही नहीं तिब्बतियों पर भी जहर उगला। उन्होंने कहा कि तिब्बत चीन का हिस्सा है। हम चीन की एक चीन नीति का समर्थन करते हैं। कुछ लोग जो तिब्बत छोड़ चुके हैं और भारत में रहते हैं, उनमें से कुछ लोग भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा का फायदा उठाकर घुस जाते हैं। वे हमारे सबंधों को खराब करना चाहते हैं। हम इसे अनुमति नहीं देते हैं। हम उन्हें नियंत्रित करते हैं। हमारी जमीन का इस्तेमाल मित्र देश चीन के खिलाफ नहीं किया जा सकता है।