केजरीवाल ने विधानसभा में फाड़ी कृषि कानून की कॉपी - केजरीवाल का आरोप बीजेपी ने इलेक्शन फंडिंग का किया जुगाड़।

Update: 2020-12-17 16:30 GMT



दिल्ली विधानसभा में एक दिवसीय सत्र के दौरान पार्टी के प्रमुख संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानून की प्रतियां फाड़ कर अपना आक्रोश जताया। और दिल्ली विधानसभा ने सभी कानूनों को खारिज कर दिया। केजरीवाल ने सदन में कहा कि वह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करते हुए मुझे दर्द हो रहा है। क्योंकि मेरे देश का किसान सड़कों पर है और मुझे इस से बहुत तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि यह सदन केंद्र सरकार से अपील करता है कि इन तीन काले कृषि कानून को वापस ले लिया जाए।

केजरीवाल ने सदन में बोलते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने चुनाव को कितना महंगा कर दिया यह सभी जानते हैं।उन्होंने केंद्र सरकार भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के चुनावों की फंडिंग के लिए बनाए गए हैं।

यह बात किसान तो समझ गए हैं, और बाकी देशवासी जितना जल्दी समझ ले उतना बेहतर होगा।

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कृषि कानून अभी तक अच्छी तरह से समझ में नहीं आया है, जिसके कारण वह अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। और यही कारण है कि बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं को उतारा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रैली में कहते हैं कि इन कानूनों से किसी की जमीन नहीं जाएगी। इसमें फायदा है क्या?

उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वाले कहते हैं कि भारत का किसान अपनी फसल देश में कहीं भी दे सकता है। धान का एमएसपी 1868 रुपए हैं। ये बिहार और उत्तर प्रदेश में 900 व 1000 मे बिक रहा है। अब मुझे केंद्र सरकार या बता दे कि देश का किसान कहां अपनी फसल बेचकर आए।

एक दिवसीय सत्र के दौरान केजरीवाल ने लगातार भारतीय जनता पार्टी पर आरोपों की बौछार की ओर सदन में कृषि कानून की प्रतियां फाड़ कर अपना विरोध प्रदर्शन जताया।

नेहा शाह

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