पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जोकि 2021 के अप्रैल और मई जून में होने वाले हैं उनको लेकर बंगाल समेत संपूर्ण भारत में गतिविधियां तेज हो गई हैं। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग सरकारी बंगाल चुनाव को लेकर व्यक्तियों का गठन कर रही है। किसी ने अपनी मूल पार्टी का साथ छोड़ किसी और कि सदस्यता ली है तो किसी दल ने बंगाल की सरकार का ही साथ दिया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी केंद्र बनाम राज्य की लड़ाई करती हुई देखी जा रही है। उनके इस लड़ाई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का भी साथ मिला है। शरद पवार के बिना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ममता बनर्जी के समर्थन में दिखे। एनसीपी ने भाजपा पर पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की सरकार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है और कहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी अधिकारों का गलत उपयोग किया है। पार्टी ने कहा कि राज्य से भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों का स्थानांतरण एक बहुत गंभीर मामला है।
आपको बता दें कि नवाब मलिक ने ए एन आई न्यूज़ एजेंसी से बताया कि केंद्र सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है, बिना किसी की सहमति के आईपीएस अधिकारियों को राज्य से वापस ले लिया गया। यह बहुत ही गंभीर मामला है ममता बनर्जी और शरद पवार ने इस पर गंभीर चर्चा भी की है।उन्होंने कहा कि हम अन्य पार्टियों के दलों से भी इस बारे में चर्चा करेंगे और दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक भी बुलाएंगे। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सारे विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
नेहा शाह