क्या औवेसी का सवाल लोगों को भ्रमित कर सकता है?

Update: 2021-03-01 10:30 GMT


पीएम मोदी ने एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेकर लोगों के बीच वैक्सीन के प्रति फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश की है तो वहीं इसपर औवेसी ने अपना सियासी दांव खेलते हुए इस तरह के सवाल उठाकर लोगों को भ्रमित करने का काम शुरू कर दिया है।

ओवैसी ने अपने बयान में कहा, "देश में सबको कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लेना जरूरी है, चाहे वो कोवीशील्ड हो या कोवैक्सीन, प्रधानमंत्री ने लिया और लेकर देश को बताया कि सबको वैक्सीन लेना है, मेरा मोदी सरकार से सवाल है कि जर्मनी की सरकार ने कहा है कि जो कोवीशील्ड है जिसको ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका बनाती है और जिसका अधिकार उन्होंने भारत में सीरम को दिया है|

, ऐस्ट्राजेनेका का डो डाटा है वो कहता है कि वैक्सीन 18-64 वर्ष आयु के लिए अच्छा है, 64 से ऊपर आयु के लिए उतना असरदार नहीं है। हम मोदी सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या ये बात सच है"

असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कोवैक्सीन का टीका लगवाया है, उन्होंने कहा, "आज इत्तेफाक है कि प्रधानमंत्री ने कोवैक्सीन लिया है, सरकार से हम पूछना चाहते हैं कि हमारे इस कन्फ्यूजन को दूर कर दें। वैक्सीन तो लेना है और उम्मीद करता हूं कि हर गरीब तक सरकार वैक्सीन पहुंचाएंगे।" ऐसा बोलकर ओवैसी ने सरकार से सफाई मांगी है।

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