राजस्थान में पीएम मोदी की एंट्री से पहले गहलोत का बड़ा दांव, देवनारायण जयंती पर घोषित किया अवकाश
राजस्थान में गुर्जर वोटों को साधने के लिए कांग्रेस-बीजेपी ने कोशिशें तेज कर दी है। पीएम नरेन्द्र मोदी के राजस्थान दौरे से पहले गहलोत सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए देवनारायण जयंती पर शनिवार को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया है।इस मंजूरी के मिलने के बाद देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह अवाना ने सीएम का आभार जताया है। इसके साथ ही एमबीसी आरक्षण को नवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर गेंद केन्द्र सरकार और बीजेपी के पाले में डाल दी ह।गुर्जरों के अराध्य देव देवनारायण भगवान के जन्मोत्सव पर पीएम मोदी शनिवार को भीलवाड़ा जिले के आसींद में स्थित मालासेरी डूंगरी आ रहे हैं।
अवाना ने कहा, गुर्जर समाज को गहलोत सरकार ने आरक्षण दिया है। एमबीसी से अनेक फायदे हुए 10 हजार युवाओं को नौकरी मिली। 10 आरएएस, 300 डॉक्टर सेवा में चयन हुआ। भगवान श्री देवनारायण की एक गौरक्षक, असहाय लोगों के कष्टों का निवारण करने वाले लोक देवता एवं पराक्रमी योद्धा के रूप में आराधना की जाती है।राजस्थान एवं अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री देवनारायण की पूजा की जाती है।
देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह अवाना, उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर भगवान देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित करने की मांग की थी। देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह अवाना ने बताया कि 24 जनवरी को ही सीएम को पत्र लिखकर अवकाश घोषित करने की मांग की थी। राजस्थान एवं अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के श्रद्धालुओं द्वारा उनकी पूजा की जाती है। लेकिन सबसे ज्यादा गुर्जर समाज की उनमें आस्था है. ऐसे में चुनावों से पहले दोनों ही पार्टियां गुर्जर समाज को अपने पक्ष में करने की कवायद कर रही हैं।
पीएम मोदी के इस दौरे को गुर्जर समाज को साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक पीएम मोदी के इस दौरे के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा दांव चला है. पीएम मोदी के दौरे से ऐन पहले राज्य सरकार ने शुक्रवार को यह ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भगवान देवनारायण की जयंती पर राजस्थान में राजकीय अवकाश घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि आमजन की आस्था और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री की ओर से यह निर्णय लिया गया है।
(प्रियांशु )