राजनीति में कब अपने पराए हो जाएं और कब पराएं अपने हो जाएं। इसका अंदाजा शायद राजनीतिक दलों को तो है लेकिन वोट देकर जिताने वाली जनता को कदापि नहीं होता। यही कारण है कि टिकट की दौड़ में कभी पार्टी को अलविदा कह देना और कभी टिकट की हामी पर दोबारा शामिल हो जाना नेताओं की योग्यता में अंकित होता है। तीन बार के विधायक राकेश कालिया ने अब दोबारा करीब 18 माह बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि वर्ष 2022 में गगरेट क्षेत्र से टिकट कटने के बाद नाराज होकर राकेश कालिया भाजपा में शामिल हो गए थे। जिस दिन राकेश कालिया कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हुए थे, उसी दिन गगरेट के कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन पत्र भरना था।
गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद राकेश कालिया ने भाजपा को अलविदा कह दिया। राकेश कालिया गगरेट से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी माने जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा के चैतन्य शर्मा से उनका मुकाबला हो सकता है और उपचुनाव जीतना चुनौती होगा। चैतन्य शर्मा ने प्रचार को गति देते हुए हर वर्ग के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस गगरेट क्षेत्र में काफी दिनों से प्रत्याशियों के चयन के लिए मंथन करने में जुटी है। हालांकि गगरेट में कांग्रेस पार्टी का टिकट लेने के 10 दावेदार हैं जिसमें पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार इसमें दिग्गज व बड़े नेता होने के कारण फिलहाल दौड़ से बाहर हैं।
अब गगरेट से दो बार चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक राकेश कालिया फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हालांकि कांग्रेस पर्यवेक्षकों की बैठकों में राकेश कालिया के नाम की चर्चा करते समय अन्य दावेदारों समेत उनके समर्थक खूब हंगामा करते रहे हैं। ऐसे में अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को गगरेट की टिकट देने के लिए काफी मंथन करना पड़ेगा।