कोरोना संकट के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय की अनूठी पहल, नकारात्मक विचारों के चक्रव्यूह से बाहर आने में परामर्शदाता करेंगे मदद....

Update: 2021-05-06 15:18 GMT



लखनऊ विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के छात्रों और संबद्ध कॉलेजों के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों के लिए भी काउंसलिंग सेवाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। महामारी की दूसरी लहर पहले की तुलना में अधिक भयावह है। छात्र कोविड के कारण अपने निकट और प्रिय व्यक्ति को खोने के डर से पीड़ित हैं। उनमें या तो लक्षण हैं या परिवार के सदस्यों की देखभाल करने में अपनी सारी ऊर्जा लगा रहे हैं।

वे अपने स्वयं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भार लेते हुए नकारात्मक विचारों के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं। ऐसे में इस अवांछित स्थिति का सामना करने के लिए और खुद को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से उन्नत करने के अवसर के रूप में परिवर्तित करने के लिए छात्रों को परामर्श देने की सख्त आवश्यकता है।

इसके अलावा, आने वाले समय की अनिश्चितता को देखते हुए भी छात्रों और लखनऊ शहर के लोगों के लिए मानसिक सहारे का श्रोत होना न केवल लखनऊ विश्वविद्यालय का दायित्व है बल्कि मानवीय कर्तव्य भी है। इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय अपने छात्रों को और अधिक संतुलित, ऊर्जावान और सक्षम होने के लिए क्लिनिकल और मनोवैज्ञानिक परामर्श देने हेतु मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक और काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल के समन्वयक ने स्वयंसेवकों द्वारा परामर्श शुरू कर रहा है।

सोमवार से लेकर शनिवार तक दोपहर 12 से तीन बजे तक हर दिन काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल के दो परामर्शदाता छात्रों व शहर के किसी भी व्यक्ति, जो मनोवैज्ञानिक पीड़ा से गुजर रहा हो, के लिए फोन पर उपलब्ध रहेंगे, निशुल्क। सभी छात्रों को खाली समय देने के लिए स्वेच्छा से काम किया जा रहा है और अन्य जो भी अपने व्यक्तिगत मुद्दों के बारे में परामर्शदाता से बात करने की आवश्यकता महसूस करते हैं, वे कर सकते हैं।

गोपनीयता बनाए रखी जाएगी और नैतिक दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। परामर्श और मार्गदर्शन सेल की सुविधा के तहत एलयू वेबसाइट पर दिए गए कार्यक्रम के अनुसार यह सेवा सप्ताह में छह दिन उपलब्ध होगी। निकट भविष्य में और शिक्षक परामर्शदाता जुड़ेंगे। काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल की निदेशक प्रो मधुरिमा प्रधान ने बताया कि अब तक 17 शिक्षक एवं वॉलंटरी काउंसलर्स इस कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं और इस महामारी के फलस्वरूप हो रहे अति हानिकारक मानसिक पीड़ा, स्ट्रेस आदि से लड़ने में लखनऊ विश्वविद्यालय अपने छात्रों और अपने शहर के लोगो के साथ अडिग खड़ा है।

अराधना मौर्या

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