सतत कृषि पर सभी को कार्य करना होगाः डॉ0 संजय कुमार
अपशिष्ट प्रबन्धन प्रदूषण को कम करने में सहायकः प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इग्नू अध्ययन केंद्र व क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में स्वच्छता पखवाड़ा के तहत सतत् अपशिष्ट प्रबंध समाधान एवं प्रस्तावित हरित नवाचार विषय पर वर्चुअल अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने कहा कि स्थाई अपशिष्ट प्रबंधन पर सभी को विचार करना होगा। वर्तमान में टिकाऊ प्रबंधन की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता डॉ0 संजय कुमार वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौध संस्थान ने प्राकृतिक स्रोतों का अनुरक्षण एवं सतत कृषि की उपयोग पर बल देते हुए औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि स्लाइवा, मलेरिया औषधि पौधा जो पहले चीन में ही उगता था अब भारत में भी उत्पादित हो रहा है। अविवि के इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने अपशिष्ट प्रबंधन के समाधान पर कहा कि चरणबद्ध तरीके से इसका प्रबंधन किया जा सकता है। जिसमे प्रमुख रूप से अपशिष्टों का संग्रहण, छंटाई और प्रसंसकरण अपशिष्ट से सामग्री या उर्जा की पुनर्प्राप्ति तथा नये उत्पादों में पुनर्चक्रण की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। इससे अपशिष्ट प्रबन्धन प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
संगोष्ठी में डॉ0 करुणेश तिवारी ने नैनो यूरिया, सोलर एनर्जी और इको फ्रेंडली टेक्रोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया। कहा कि नैनो नवाचार पूर्व की भांति खर्चीली नहीं है। कार्यक्रम में डॉ0 अनीता तोमर वैज्ञानिक आईसीएफआरआई रिहैबिलिटेशन सेंटर प्रयागराज ने सतत विकास एवं हरित नवाचार में वायु एवं जल प्रदूषण से समाज को आगाह किया। कहा कि युवाओं को जंक फूड से परहेज करने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 कीर्ति विक्रम सिंह ने किया। अतिथियों के प्रति आभार डॉ0 हरीश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. रामजीत सिंह यादव, प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीश अस्थाना, सूरज सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रही।