ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ की *विद्या परिषद (Academic Council)* की बैठक विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रशासनिक सभागार में कुलपति प्रो अजय तनेजा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, अनुसंधान तथा प्रशासनिक विकास से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया और कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक की शुरुआत में कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों और नई शैक्षणिक योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विद्या परिषद विश्वविद्यालय के बौद्धिक और नीतिगत विकास की धुरी है और इसके निर्णय भविष्य की दिशा तय करते हैं।
1. बैठक में दो नए पदक समाजशास्त्र स्नातक में श्री डोरी लाल सागर मेमोरियल स्वर्ण पदक और इतिहास परास्नातक में राम पति देवी स्वर्ण पदक का अनुमोदन किया गया।
2. 14 वें दीक्षांत समारोह में 31 शोधार्थियों को डिग्री दी जायेगी।
3. सिविल इंजीनियरिंग में एम टेक स्ट्रक्चरल के पाठ्यक्रम को अनुमोदन दिया गया।
4. विधि संकाय के डॉ बी आर अम्बेडकर मेमोरियल मूटकोर्ट हॉल का नामकरण किया गया ।
5. अरबी विभाग के विभागीय पुस्तकालय का नाम डॉ अनीश अंसारी के नाम पर सहमति दी गई।
6. डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज के टॉपर्स को सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन देने पर अनुमोदन दिया गया।
7. सभी भाषाओं के टॉपर्स को ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती स्वर्ण पदक दिये जाने पर अनुमोदन दिया गया।
8. भूगोल विभाग के अंतर्गत एक वर्षीय डिप्लोमा (स्ववित्तपोषित) पर सहमति दी गई।
9. कॉमर्स विभाग के वैल्यू एडेड कोर्सेज (स्वयं) के माध्यम से स्वीकृत किया गया।
10. अवधी शोधपीठ के परामर्श समिति के गठन को भी अनुमोदित किया गया।
इन सबके अलावा नई पाठ्यक्रम संरचनाओं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप विषयों के अद्यतन, शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन जैसे प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया। विद्या परिषद के सदस्यों ने शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अपने सुझाव रखे, जिनका स्वागत कुलपति ने करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर बहुभाषिकता, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में अग्रसर है।
बैठक के अंत में रजिस्ट्रार डॉ. महेश कुमार ने विद्या परिषद के सभी माननीय सदस्यों का उनके रचनात्मक सुझावों और सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। विद्या परिषद की इस बैठक में विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, विभागाध्यक्षों, तथा बाह्य विशेषज्ञों सहित विद्या परिषद के सभी सदस्य उपस्थित रहे।