ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर इतिहास विभाग द्वारा एक दिवसीय व्याख्यान (Lecture) का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ महर्षि वाल्मीकि जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. मनीष कुमार जी ने “वाल्मीकि रामायण का ऐतिहासिक पक्ष” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि महर्षि वाल्मीकि का काव्य न केवल भारतीय संस्कृति का आधार है, बल्कि उसमें निहित जीवन मूल्य आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
अपने संबोधन में माननीय कुलपति प्रो. अजय तनेजा जी ने कहा कि “महर्षि वाल्मीकि का जीवन दर्शन व्यक्ति के लिए आदर्श है। उन्होंने समाज को समानता, न्याय और सद्भाव का जो संदेश दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। हमें उनके आदर्शों को अपने आचरण और शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहिए, जिससे समाज में नैतिकता और समरसता स्थापित हो सके।”
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पूनम चौधरी, विषय प्रभारी, इतिहास विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन, उनके आदर्शों और साहित्यिक योगदान पर भी विचार-विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा इस दिवस को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।