पिता बीज है -
हम बीजी है
आत्म-रूप उत्पन्न हुये ।
वह छत है
उस घर की
जिसकी छाँव में रहतै ।
माँ जननी तो
पिता जनक है
जो सदा सुरक्षा देता है।
मां की ममता
से हटकर जो
अनुशासन को देता है।
अपना नाम
हमें वह देकर
सम्मानित जीवन देता है ।
उसका गर्व
सदा गौरव में
संतान में लक्षित होता है ।
पिता हमारे
कठिन राहों में
हमें चलना सिखाता है ।
ईश्वर को हम
नहीं जानते
पर पिता हमारा परमेश्वर है ।
उषा सक्सेना-मुंबई