Articles - Page 15

  • ''प्राकृतिक खेती के साथ ही पशुपालन को भी बढ़ाएं"

    प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान दिवस पर यूपी में दूध डेयरी का शिलान्यास किया और कहा कि किसान प्राकृतिक खेती पर ज्यादा ध्यान दें. यह बात सच है सरकार इस हेतु अनेक योजनाएं चला रही हैं. उसका लाभ किसानों को खेती के लिए उठाना चाहिए. प्राकृतिक खेती उपयोगी के साथ ही स्वास्थप्रद भी है. सरकार इसे बढ़ाने के...

  • ''शादी की २१ की उम्र से परहेज क्यों ?

    क्या हम समय के साथ नहीं बदल सकते ? आखिर क्यों रुढ़िवादी बने रहना चाहते हैं ? ज़माना बदल रहा है. लेकिन आज भी दूरस्थ स्थानों में रहने वालों की सोच तो छोड़िये शहरों और महानगरों में रहने वालों की सोच पर भी तरस आता है. सस्ती लोकप्रियता हांसिल करने के लिए कतिपय सामाजिक और राजनीतिक लोग भी ''कूप मंडूप''...

  • पांच राज्यो के चुनाव में पंजाब पर सबकी नजर

    पंजाब चुनाव तिकोना हो गया है।पंजाब56 साल पहले बना।राज्य पुनर्गठन में भाषाई आधार पर अस्तित्व में आया।अकाली आंदोलन की बड़ी सफलता थी।तब से एक क्रम चला आ रहा है अकाली हारते थे तो कांग्रेस जीतती थी।फिर अकाली जीतकर आते थे।2012 में एक नया इतिहास रचा।इसे पंजाब की जनता ने ही अपने निर्णय से रचा।अकाली भाजपा...

  • ''प्रशांत किशोर के विचार किस ओर ?''

    राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने कहा कि ''पूरे विपक्ष का मतलब कांग्रेस नहीं दूसरी पार्टियां भी हैं, इन्हें मिलकर लीडर तय करना चाहिए''. १९७७ में आपातकाल के बाद सशक्त लीडर जयप्रकाश नारायण रहे जिन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को एक किया और भारी बहुमत से केंद्र में ''जनतापार्टी'' की सरकार दीर्घ...

  • ''भाजपा क्या भूत है''

    एक तरफ ममता बनर्जी ने कांग्रेस से दूर रहने की बात कही वहीँ दूसरी और वह भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की बात कर रही है एवं शरद पवार से उम्मीद कर रही है कि वे किसी भी तरह भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षियों को एक करके ''महागठबंधन'' बनाएं. एक मजेदार बात यह है कि ममता बनर्जी जो कांग्रेस को अलग रखना चाह...

  • डाकिया डाक लाया, फिर कभी नहीं आया

    'शर्माये गर देखे कश्मीर की वादी भी कुछ और ही बात है, इन झील सी नीली आखों में। ऐसे ही शायराना अंदाज में कभी प्रेम पत्र लिखे जाते थे जब अपने प्यार की भावनाओं को कागज पर उड़ेल दिया जाता था लेकिन जब से मोबाइल युग शुरू हुआ, प्रेम की इन भावनाओं पर भी विराम लग गया। पहले बेताबी से डाकिये का इंतजार किया जाता...

  • वोटो के लिए यूपी में सभी राजनैतिक पार्टियों ने दलितों को लुभाया

    यूपी में विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा के चुनाव सभी पार्टियों ने दलितों को वोटो के लिए लुभाने में कोई कसर नही छोड़ी है।चुनाव आते ही सभी दलों का झुकाव दलितों की तरफ हो जाता है।दलित वोटरों को लुभाने में सफल रही बीजेपी ने 2014 में लोकसभा में सभी 17 सीटे जीती।बीजेपी 2012 मे विधानसभा में 3 सीटे हासिल की...

  • मानव अधिकार किसी भी सभ्य समाज के विकास के मूल आधार होते है:

    मानवाधिकारों की रक्षा, Dr.pravita Tripathiमानव अधिकार शाब्दिक रूप से वे अधिकार है जो व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त है जहां लोगो को योजनाबद्ध तरीके से वंचित किया जाता है वहां मानव अधिकार हासिल करने के लिए लोगो को निश्चित रूप से क्रांतिकारी बनना होता है।किसी भी सभ्य...

  • विश्व मानवाधिकार दिवस 10 दिसम्बर पर,28 सालों में मानवाधिकार न्यायालय स्थापित नहीं हो सका

    कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ,सदियों रहा है दुश्मन ,दौर ऐ ज़माना हमारा, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा । जी हाँ दोस्तों ! हम यानी आबिद अब्बासी और अख्तर खान अकेला एक और एक ग्यारह हुए ,अटूट हुए ,बेबाक हुए ,निर्भीक नीडर हुए ,खिदमत ऐ ख़ल्क़ यानी आम आदमी की सेवा के लिए समर्पित हुए । यह हमारे...

  • ''दुखद घटनाओं से सबक लें लोग''

    चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत के साथ ही उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ११ अन्य अधिकारी की दुखद मृत्यु मौसम ख़राब (कोहरा) होने के कारण उनके हेलीकॉप्टर के क्रेश होने से हो गई. दुर्घटना किसी भी कारण से हो सकती है. फिर वो चाहे मानवीय भूल हो या तकनीकी त्रुटि अथवा मौसम की खराबी या प्राकृतिक...

  • महागठबंधनॉ की बढ़ी महिमा,यूपी में गठबंधन की चुनौती

    भारतीय लोकतंत्र में गठबंधन का दौर चालू है।जनमत सर्वेक्षण में फिसड्डी साबित होने वाली पार्टी चुनाव में गठबंधन का सहारा लेती है।यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ अनेक पार्टियो ने गठबंधन किया है।भारतीय लोकतंत्र में गठबंधन का दौर 1977 के बाद से शुरू हो गया।पहले कांग्रेस का दबदबा हुआ करता थ।भाजपा भी...

  • एचआईवी ग्रसित लोगो को मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास किया जाए

    आज विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है।एक दिसम्बर एड्स दिवस के रूप में पूरा विश्व मना रहा है।जानलेवा महा भयंकर एड्स रोग का नाम सुनते ही लोग कांप उठते है।इस भयानक रोग का कोई इलाज नही है।इतना जरूर है कि नियमित दवाइयां लेने और समय समय पर स्वास्थ्य जांच कराने पर मरीज वर्षो तक तंदुरुस्त रह सकता है।1985 में...

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