लखनऊ विश्वविद्यालय में अभिनवगुप्त जयन्ती के उपलक्ष्य में हुआ व्याख्यान का आयोजन
भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (ICPR) के सदस्य सचिव प्रो.सच्चिदानन्द मिश्र ने विषय प्रवर्तन करते हुए डार्विन, फ्रायड, आर्टिफिशियल इण्टेलिजेन्स आदि के परिप्रेक्ष्य में इक्कीसवीं शताब्दी में अभिनवगुप्त के महत्त्व को रेखांकित किया। आई.सी.पी.आर. नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो.रमेश चन्द्र सिन्हा ने भारत की विविधता और भेद से भरी स्थितियों में अभिनव के संश्लेषणात्मक और समावेशी विचारों को अत्यन्त उपयोगी और आवश्यक बताया।
अभिनवगुप्त संस्थान की को-आर्डिनेटर डा.भुवनेश्वरी भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए फिल्म,रंगमञ्च और तन्त्रिका चिकित्सा की दृष्टि से अभिनव गुप्त के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आई.सी.पी.आर. शैक्षणिक केन्द्र की निदेशिका डा.पूजा व्यास, वरिष्ठ सलाहकार डा.जयशंकर सिंह, अभिनवगुप्त संस्थान के डा.गौरव सिंह, प्रो. एच.एस.प्रसाद आदि आये अनेक प्रोफेसर,विद्वान् उपस्थित रहे। तान्त्रिक मंगलाचरण पोस्ट डाक्टोरल फेलो डा.सुजीत पाण्डेय ने किया।
अराधना मौर्या