- Primary Education
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती भाषा विश्वविद्यालय एवं बचपन एक्सप्रेस न्यूज लखनऊ के मध्य एम.ओ.यू किया गया।
- Primary Education
मुक्त विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ ,गणित और जंतु विज्ञान में पहली बार मिलेगा शोध का मौका
- Sports
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अविवि को मिला सिल्वर पदक
- Employment
Apply for teaching positions
- Education
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में पत्रकारिता हर क्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है
- Grants
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अवध विवि की झोली में पहला कांस्य पदक
- Economic
Extension of last date to receive comments/counter comments on TRAI’s Consultation Paper on “Definition of International Traffic”
- Nation
“Indian Railway has become a medium of connecting hearts, societies and opportunities to the people along with speed”
- National
नए संसद भवन का उद्घाटन: 'सर्व-धर्म प्रार्थना' समारोह आयोजित किया गया
- National
नए संसद भवन का निर्माण करने वाले कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी ने किया सम्मानित
Kahani - Page 2
खजुराहो कलातीर्थ कलाकार का प्रेम : ऊषा सक्सेना
चित्रलेखा कह रही थी संगीत हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है जो हमारे रोम रोम में बसी है । गीत के लिये राग आवश्यक ह । प्रश्न उठता है कि राग क्या है और सुर की साधना क्या है ? जब तक हम राग को नही जानेंगे स्वर को नही साध सकते ।स्वर को साधना भी किसी तपस्या से कम नही । स्वर की साधना ही ईश्वर की साधना है...
मां की याद में……….डा प्रविता त्रिपाठी
मां की याद में………. डा प्रविता त्रिपाठीमां-:मां शब्द से ही सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन हुआ है,मां संतुलन,सहनशीलता,और सृजन का पर्याय है,एक बार मां के रूप में खुद को देखिए,समूर्ण माताओं का खुद के रूप स्वयं में बोध कीजिए तब समझेंगे कि समर्पण की भावना के साथ जिंदगी जीना कितना कठिन,और किस कदर...
Managing Editor | 6 Sep 2022 6:36 AM GMTRead More
Listen to a poem by Nanhi Tripathi
बचपन एक्सप्रेस हमेशा से बच्चों के टैलेंट को आगे बढ़ाता रहा है इसी क्रम में नन्ही त्रिपाठी का यह वीडियो है। अगर आपके पास भी इस तरह का कोई वीडियो है तो आप बचपन एक्सप्रेस को भेज सकते हैं
Managing Editor | 26 Aug 2022 3:34 AM GMTRead More
सोशल मीडिया में मिला सोना आपके लिए हाजिर
जिसकी भी फोटो है उसको सलाम , लोग बड़े ऐसे ही नहीं हो जाते | लोग बड़े हो जाते है और उसके बाद एक दूसरे के साथ दूर होते जाते है | एक परिवार कई परिवार में बदल जाता है | कब ये बदलता है इसका अहसास सभी को है पर बोलता कोई नहीं है | इस भाई का प्यार अपने छोटे के लिए ऐसे ही बना रहे |
Managing Editor | 19 July 2022 10:46 AM GMTRead More
आज फिर सत्य को सुला देते है, समाज की शांति भंग करने की सजा देते है : प्रो गोविन्द जी पांडेय
खामोश जिंदगी में तूफ़ान आने लगा है हर तरफ हलचल है कोलाहल है , और लोग विकल है कौन है जो हलचल मचा रहा है कोने में सत्य तो नहीं मचल रहा दबा देने के बाद तो चुप था पर अब क्यों खामोशी तोड़े जा रहा है कही वो फिर से जीवित तो न हो गया सत्य जाग...
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में न्यू मीडिया वर्कशॉप में बनी फिल्म यूट्यूब पर मचा रही है धमाल
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय वाराणसी में प्रोफेसर गोविंद पांडे, संकाय अध्यक्ष, मीडिया एवं संचार विद्यापीठ, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा कार्यशाला में विद्यार्थियों से दो फिक्शन फिल्म और दो डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण कराया गया। प्रो. गोविंद पांडे ने बताया कि किस तरह से...
*पंछी* पर कतर आजाद पंछी केपिंजरे में कैद कर रखा
उषा सक्सेना:-विषय:- *पंछी*पर कतर आजाद पंछी केपिंजरे में कैद कर रखाजब मन भर गया तो,यह कहकर कि -अब तुम आजाद हो।खोल कर पिंजरा उसे आजाद कर दियायह कहते हुये कि -जा सकते हो अपनी मन चाही जगह जहां भी जाना चाहो वहां पर ।पंछी ने पिंजरे से निकलखुली हवा में सांस ले देखा ऊंचा आकाश था ।उड़ने के लिये क्या करे वह...
मेरी कहानी भाग बारह : मनोविज्ञान विभाग और विधि के प्यार में उलझा रहा साल
देहरादून में जो असफलता मिली और पैर में चोट के साथ बनारस वापसी अपने आप में काफी दुख देने वाला था| पर कहा जाता है कि हौसलों से जंग जीती जाती है तो उन्हीं हौसलों को फिर से अपनाकर जुट गए फाइनल ईयर के एग्जाम के लिए।फाइनल ईयर का एग्जाम काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि पहले दो साल में प्रथम श्रेणी नंबर आ चुके...
कुम्हार के चाक पर रखा कोई कच्चा घड़ा थोड़ी हूँ कि जब चाहो जैसे चाहो तुम बदलते रहो मेरा आकार: डा0 सूफिया अहमद
मैं मेरे जैसी ही अच्छी हूँकुम्हार के चाक पर रखाकोई कच्चा घड़ा थोड़ी हूँकि जब चाहो जैसे चाहोतुम बदलते रहो मेरा आकारउकेरते रहो अपने मनपसंद फूल पत्तियाँरंगते रहो जैसे चाहे वैसे रंग मेंमैं तो चट्टान हूँसख़्त और मजबूतमुझे अपने आकार में तब्दील करने के लिएतुम्हें मुझ तक चल कर खुद आना होगाक्या आ सकोगेछोड़कर...
अपनी कविता और कहानी भेजे बचपन एक्सप्रेस पर और पाए आकर्षक पुरुष्कार , अपना वीडियो bachpanexpress@gmail.com पर भेजे
अगर आप लेखक और कवि है तो आप अपने कहानी और कविता का विडियो बना कर बचपन एक्सप्रेस के ईमेल पर भेज दे | आपके कविता और कहानी भेजने की अंतिम तारीख १५ मार्च २०२२ है | वीडियो पांच मिनट से ज्यादा नही होना चाहिए | आपका वीडियो बचपन एक्सप्रेस की वेबसाइट, फेसबुक पेज और यूट्यूब चेंनेल पर २० मार्च से २०...
मेरी तीन कहानियां भाग ग्यारह : देहरादून यात्रा और असफलता के क्षण
मेरी तीन कहानियां भाग ग्यारह : देहरादून यात्रा और असफलता के क्षण बीएचयू में समय पंख लगाकर उड़ रहा था | पहले साल के ख़राब नम्बरों के बीच अब दुसरे साल फैकल्टी में सबसे अच्छे नम्बर आये और दुसरे साल ६८ प्रतिशत नम्बर के साथ पहले साल का ५३ प्रतिशत मिलकर प्रथम श्रेणी बन गया था और आशा थी की अंतिम साल में...
मेरी तीन कहानियां, भाग दस, ब्रोचा हॉस्टल का वो कमरा...
मेरी तीन कहानियां भाग दसब्रोचा हॉस्टल का वो कमरा प्रमोद के घर से आते हुए जो दुर्घटना हुई उसमे कई मिनट तक मौत से सामना रहा , कुछ लोगो ने बताया की "तोहार माई जुतिया, एक व्रत , का अच्छे से पालन किया था इसलिए तुम बच गये नही तो इतने व्यस्त हाई वे में इतनी देर में तो कोई भी वाहन उपर से चढ़ कर निकल सकता था...