Kahani - Page 2

  • क्रमांक:-(४३) खजुराहो कलातीर्थ, कलाकार का प्रेम :- उषा सक्सेना

    अत्यधिक थकान के कारण राजकुमारी मोहिनी प्रगाढ़ निद्रा में सोई रहीं ।आज उन्हेन कोई स्वप्न भी नही आये ।निद्रा पूर्णहोने से तन की सारी थकान उतर गई ।मन में अपने काम के प्रति उमंग भी थी ।वह भी जब चित्रलेखा जैसी ममतालुटाने वाली गुरू कार्य के समय साथ हो तब डर किसका । आज मोहिनी के मन में नकोई भय था और...

  • खजुराहो कलातीर्थ कलाकार का प्रेम : ऊषा सक्सेना

    चित्रलेखा कह रही थी संगीत हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है जो हमारे रोम रोम में बसी है । गीत के लिये राग आवश्यक ह । प्रश्न उठता है कि राग क्या है और सुर की साधना क्या है ? जब तक हम राग को नही जानेंगे स्वर को नही साध सकते ।स्वर को साधना भी किसी तपस्या से कम नही । स्वर की साधना ही ईश्वर की साधना है...

  • मां की याद में……….डा प्रविता त्रिपाठी

    मां की याद में………. डा प्रविता त्रिपाठीमां-:मां शब्द से ही सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन हुआ है,मां संतुलन,सहनशीलता,और सृजन का पर्याय है,एक बार मां के रूप में खुद को देखिए,समूर्ण माताओं का खुद के रूप स्वयं में बोध कीजिए तब समझेंगे कि समर्पण की भावना के साथ जिंदगी जीना कितना कठिन,और किस कदर...

  • Listen to a poem by Nanhi Tripathi

    बचपन एक्सप्रेस हमेशा से बच्चों के टैलेंट को आगे बढ़ाता रहा है इसी क्रम में नन्ही त्रिपाठी का यह वीडियो है। अगर आपके पास भी इस तरह का कोई वीडियो है तो आप बचपन एक्सप्रेस को भेज सकते हैं

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